परिषद् के प्रमुख कार्यों में से एक प्रमुख कार्य हैः वृत्तिकों / कार्मिकों की विभिन्न श्रेणियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमों का मानकीकरण करना, ताकि दिव्यांगजनों को गुणवत्तापूर्ण सेवायें सुनिश्चित की जा सकें। परिषद् समय समय पर मौजूदा पाठ्यक्रमों में आशोधन/संशोधन करती रहती है और नये विकास आयामों को समाहित करते हुये नवीन प्रशिक्षण कार्यक्रम अंगीकार करती है।
सम्प्रति, परिषद् 58 मानकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रबन्धन कर रही है; ये कार्यक्रम परिषद् द्वारा गठित सम्बन्धित विशेषज्ञ समिति की सहायता से विकसित किये गये हैं। इन मानकीकृत कार्यक्रमों में रोग-लक्षण मनोविज्ञान, पुनर्वास मनोविज्ञान, कृत्रिमांग शल्यविज्ञान एवं कृत्रिम अंगविज्ञान, वाक् एवं श्रवण, श्रवण हानि, दृष्टि हानि, बौद्धिक एवं परिवर्धन अशक्तता, गति एवं प्रमस्तिष्क अंगघात, स्वपरायणता स्पैक्ट्रम एवं विकार, अधिगम अशक्तता, पुनर्वास चिकित्सा, व्यावसायिक परामर्श एवं पुनर्वास सामाजिक कार्य, समुदाय आधारित पुनर्वास एवं एवं समावेशी शिक्षा क्षेत्रों के कार्यक्रम शामिल हैं।
ये प्रशिक्षण कार्यक्रम समय समय पर विश्वविद्यालयों/संस्थानों द्वारा अपनाये जा रहे हैं। परिषद् द्वारा मानकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सूची इस वैबसाइट पर कार्यक्रम शीर्षक के तहत देखी जा सकती है।