प्रश्नः कोई प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ करने के उद्देश्य से भारतीय पुनर्वास परिषद् की मान्यता प्राप्त करने के लिये क्या औपचारिकतायें पूरी करनी पड़ती हैं?

उत्तरः  एक पाठ्यक्रम चलाने की पात्रता हासिल करने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये जो मानक निर्धारित किये गये हैं, वे निम्नानुसार हैं:

  1. भारतीय पुनर्वास परिषद्/भारत सरकार का अनुमोदन प्राप्त करने के लिये, स्नातकोत्तर उपाधि/स्नातक उपाधि/ स्नातकोत्तर डिप्लोमा/डिप्लोमा/प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू करने के इच्छुक संगठन/संस्थान/केन्द्र/विश्वविद्यालय अपनी राज्य सरकार/संघ शासित क्षेत्र के माध्यम से भारतीय पुनर्वास परिषद् से सम्पर्क साधेंगे, ताकि पाठ्यक्रम शुरू करने से पहले अवसंरचना सुविधाओं का मूल्यांकन किया जा सके।
  2. . राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के सक्षम प्राधिकारी को यह स्पष्टतः बताना होगा कि क्या वे ग़ैर सरकारी संगठनों द्वारा प्रबन्धित कॉलेज या संस्थान शुरू करने के पक्ष में हैं या नहीं।
  3. संस्थान को भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा स्थापित कार्मिक, स्थान एवं उपस्कर आदि विषयक मानकों को अपनाना चाहिये और संस्थान यह वचन देगा कि इन मानकों के अनुसार निर्धारित अवधि के भीतर क्रमबद्ध ढंग से सभी व्यवस्थायें कर ली जायेंगी।
  4. भारतीय पुनर्वास परिषद् यदि किसी संस्थान को स्नातकोत्तर उपाधि/स्नातक उपाधि/स्नातकोत्तर डिप्लोमा/डिप्लोमा पाठ्यक्रम आरम्भ करने की अनुमति दे देती है, तो संस्थान को उस विश्वविद्यालय/शिक्षा मण्डल की सहमति लिखित रूप में प्रस्तुत करनी होगी, जो पाठ्यक्रम के सम्बन्धन की स्वीकृति देने के लिये राज़ी है।
  5. संस्थान को इस बात के लिये भारतीय पुनर्वास परिषद् को सन्तुष्ट करना होगा कि उसके पास स्नातकोत्तर उपाधि/स्नातक उपाधि/स्नातकोत्तर डिप्लोमा/डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाने के लिये पर्याप्त प्रशिक्षण सुविधायें उपलब्ध हैं।
  6. स्नातकोत्तर उपाधि/स्नातक उपाधि/स्नातकोत्तर डिप्लोमा/डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिये परिषद् की अनुशंसानुसार अपेक्षित पर्याप्त सुविधायें एवं प्रशासनिक व शिक्षण कार्मिक, प्रबन्धन को उपलब्ध कराने होंगे।
  7. संस्थान के प्रबन्धन को पूर्ण विकसित प्रभाग के निर्माण एवं इस प्रभाग में सक्षम कार्मिकों की नियुक्ति के उद्देश्य से स्वतःपूर्ण योजना प्रस्तुत करनी होगी।