• भारतीय पुनर्वास परिषद्, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग , भारत सरकार, हिंदी पखवाड़ा दिनांक 14 सितम्बर से 30 सितम्बर, 2024
    भारतीय पुनर्वास परिषद्, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग , भारत सरकार, हिंदी पखवाड़ा दिनांक 14 सितम्बर से 30 सितम्बर, 2024
  • Group photo from the 93rd Executive Committee Meeting with members and officials.
    Group photo from the 93rd Executive Committee Meeting with members and officials.
  • 15th August 2024: Celebrating the 78th Independence Day with a flag hoisting by the Member Secretary, RCI, and a gathering of staff in unity.
    15th August 2024: Celebrating the 78th Independence Day with a flag hoisting by the Member Secretary, RCI, and a gathering of staff in unity.
  • Interaction with Heads or representatives of RCI approved training institutions on 12.07.2024 in NILD, Kolkata
    Interaction with Heads/representatives of RCI approved training institutions on 12.07.2024 in NILD, Kolkata
  • Meeting with Principal Secretary, State Commissioner for Persons with Disabilities and Director, NILD on 12.07.2024
    Meeting with Principal Secretary, State Commissioner for Persons with Disabilities and Director, NILD on 12.07.2024
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भारतीय पुनर्वास परिषद

about us

पुनर्वास परिषद को एक पंजीकृत सोसायटी के रुप मे 1986 में स्थापित किया गया था। सितम्बर 1992 को भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया और उस अधिनियम के द्वारा भारतीय पुनर्वास परिषद एक सांविधिक निकाय के रुप में 22 जुन 1993को अस्तित्व मे आयी। अधिनियम को संसद द्वारा वर्ष 2000 में इसे और अधिक व्यापक बनाने के लिए इसमे संसोधन किया गया। इस जनादेश के द्वारा भारतीय पुनर्वास परिषद के नीतियो व कार्यक्रमो को विनियमित करने, विकलांगता वाले व्यक्तियों के पुनर्वास एवं शिक्षा का दायित्व दिया गया, पाट्यक्रमो का मानकीकरण करना और एक केन्द्रिय पुनर्वास रजिस्टर सभी योग्य पेशेवरों और विशेष शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले व्यवसायिको और कर्मिको को एक केन्द्रिय पुनर्वास पंजिका में पंजीकृत करने का कार्य सौपा गया। इस अधिनियम के तहत अयोग्य व्यक्तियों के द्वारा विक्लांगता वाले व्यक्तियों को सेवाएं देने के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाई करने का अधिकार प्रदान किया गया है।