निगरानी और निरीक्षण

निरीक्षण

परिषद् यह सुनिश्चित करती है कि देश में फैले इसके मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान स्थापित मानकों का पालन करें और इस उद्देश्य के लिये परिषद् प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिये निम्नलिखित नीतियाँ अपनाती हैः

  1. संस्थान का निरीक्षण
    • संस्थान को मान्यता के विस्तार की अनुमति दी जा सकती है या नहीं, इस बारे में व्यवहार्यता का मूल्यांकन सम्बन्धित अशक्तता क्षेत्र से नामित एक अभ्यागत विशेषज्ञ दल करता है।
    • जो संस्थान परिषद द्वारा अनुमोदित कोई प्रशिक्षण सञ्चालित करना चाहते हैं, उन संस्थानों में विशेष शिक्षा एवं पुनर्वास के क्षेत्र के प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम के सञ्चालन की व्यवहार्यता का भी मूल्यांकन किया जाता है।
       
  2. औचक निरीक्षण एवं मध्यावधि रिपोर्ट
    • अनुमोदित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के उद्देश्य से, परिषद् द्वारा नियमित रूप से औचक निरीक्षण किये जाते हैं और जो उल्लंघन उजागर होते हैं उन्हें सुधारना अपेक्षित है और इसकी सूचना परिषद् को देनी होता है।
    • मान्यता प्राप्त संस्थानों से अपेक्षित है कि वे अनुमोदित प्रशिक्षण कार्यक्रमों से सम्बन्धित अपनी मध्यावधि रिपोर्ट प्रस्तुत करें। रिपोर्ट में भारतीय पुनर्वास परिषद् के निर्धारित मानकों के अनुसार अपेक्षित मुख्य एवं अतिथि संकाय, प्रविष्ट विद्यार्थियों, और अन्य अवसंरचनात्मक सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है।. 

 

 

(आमंत्रित विशेषज्ञ व्यावसायिक अर्हता और सम्पर्क विवरण में कोई परिवर्तन होने पर कृपया इस बारे में परिषद् को जानकारी दें।)