जोनल समिति

भारतीय पुनर्वास परिषद् की क्षेत्रीय समन्वय समितियों के मार्गदर्शक सिद्धान्त(Format: PDF, Size: 1.15 MB,Language: English)

भारतीय पुनर्वास परिषद् की क्षेत्रीय समन्वय समिति के नामित क्षेत्रीय समन्वयकों एवं सदस्यों के से सम्बन्धित परिपत्र (Format: PDF, Size: 205 MB,Language: English)

उद्देश्यः:

1. क्षेत्रीय समन्वय समिति का उद्देश्य हैः परिषद् को अपने निर्धारित कार्यों को सम्पन्न करने की दृष्टि से एक विस्तार पटल प्रदान करना।

2. भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा अनुमोदित संगठनों एवं कार्मिकों/वृत्तिकों से सम्बन्थित, परिषद् के निदेशानुसार, सूचना उपलब्ध कराने और पूछताछ करने में क्षेत्रीय समन्वय समिति परिषद् की सहायता करते हुये इस कार्य को परिषद् के लिये सुगम बनायेगी।   

संघठन :

क्षेत्रीय समन्वय समिति का विस्तृत संघठन निम्नानुसार है :-

  1. प्रत्येक क्षेत्रीय समन्वय समिति के प्रमुख का पदनाम क्षेत्रीय समन्वयक होगा।
  2. क्षेत्रीय समन्वय समिति के सदस्यों में से ही एक संयोजक होगा।
  3. क्षेत्र के तहत प्रत्येक सम्बन्धित राज्य से राज्य आयुक्त (अशक्तता) / प्रतिनिधि जो उप निदेशक/ उपायुक्त के ओहदे से नीचे का न हो।
  4. क्षेत्र के तहत प्रत्येक सम्बन्धित राज्य से स्कूली शिक्षा विभाग और दिव्यांगजन विभाग से एक-एक शासकीय प्रतिनिधि जो उप निदेशक के ओहदे से नीचे का न हो।
  5. क्षेत्र के तहत किन्हीं दो राज्यों के राष्ट्रीय संस्थानों / सीआरसीएस सहित प्रशिक्षण संस्थानों से दो प्रतिनिधि
  6. क्षेत्र के तहत किन्हीं दो राज्यों से अशक्तता क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठित ग़ैर सरकारी संगठनों से दो सदस्य
  7. क्षेत्र के तहत किन्हीं दो राज्यों के विश्वविद्यालयों से दो प्रतिनिधि, ये प्रतिनिधि वरीयतः या तो भारतीय पुनर्वास परिषद् के साथ कार्य करते हों अथवा भारतीय पुनर्वास परिषद् के अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम सञ्चालित कर रहे हों।
  8. क्षेत्र के तहत किन्हीं दो राज्यों से पुनर्वास वृत्तिक संघों के दो प्रतिनिधि।
  9. क्षेत्र के तहत किन्हीं दो राज्यों से अशक्तता क्षेत्रों के दो विशेष आमंत्रित सदस्य।

टिप्पणी: i. कोई भी राज्य वञ्चित नहीं रहेगा।.

         ii. क्षेत्रीय समन्वय समिति का योजना के तहत परिभाषित कार्यों के अतिरिक्त कोई अन्य कार्य या एकक नहीं होगा। दृष्टान्ततः, क्षेत्रीय समन्वय समिति सम्बन्धित क्षेत्र में ऐसी कोई सामान्य परिषद् अथवा कार्यकारिणी समिति सृजित नहीं करेगी, और यह कृत्य अविधिक माना जायगा तथा कार्रवाई की जायगी।

क्षेत्रीय समन्वयक, संयोजक और सदस्यों का गठन और नियुक्तिः:

  1. क्षेत्रीय समन्वयक के पद हेतु, सार्वजनिक तौर पर अथवा परिषद् की वैबसाइट के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे, जिनकी पात्रता एवं उपयुक्तता की जाँच अध्यक्ष, भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा गठित समिति करेगी और इस प्रक्रिया के बाद अध्यक्ष, भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा क्षेत्रीय समन्वयक की नियुक्ति की जायगी।
  2. सरकारी विभागों के सदस्य, परिषद् के आमंत्रण/प्रस्ताव पर सम्बन्धित विभाग के विभागाध्यक्ष द्वारा नामित किये जायेंगे।
  3. शेष सदस्य, सार्वजनिक तौर पर अथवा परिषद् की वैबसाइट के माध्यम से इच्छुक अभ्यर्थियों के आवेदन आमंत्रित करते हुये अध्यक्ष, भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा नियुक्त किये जायेंगे।
  4. समन्वयक की नियुक्ति क्षेत्रीय समन्वय समिति के सदस्यों में से अध्यक्ष, भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा की जायेगी। क्षेत्रीय समन्वय समिति के समन्वयक यदि नियुक्त हैं, तो वे समन्वयक एवं समिति के सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया में अध्यक्ष, भारतीय पुनर्वास परिषद् की सहायता कर सकते हैं।

कार्यः
क्षेत्रीय समन्वयन समिति के प्रमुख कार्य निम्नानुसार होंगेः

  1. भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा अनुमोदित अध्यापक प्रशिक्षण संस्थान जिन्हें प्रत्यक्ष और खुली व दूरस्थ शिक्षा प्रणालियों के पाठ्यक्रम सञ्चालित करने के लिये परिषद् द्वारा मान्यता प्राप्त है, के कार्य सञ्चालन पर निगरानी और सम्बन्धित राज्यों में आयोजित हो रहे सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रमों पर निगरानी।
  2. विशेष शिक्षा एवं अशक्तता पुनर्वास के क्षेत्र में अनुचित चिकित्सा/नीमहक़ीमी के बारे में परिषद् को सूचना देना।
  3. खुली एवं दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के भारतीय पुनर्वास परिषद् अनुमोदित अध्ययन केन्द्रों में सञ्चालित सम्पर्क कार्यक्रमों, सत्रान्त परीक्षाओं, प्रवेश परीक्षाओं पर केन्द्रीय पर्यवेक्षकों की प्रतिनियुक्ति के ज़रिये निगरानी रखना।
  4. भारतीय पुनर्वास परिषद् के साथ लघु ग़ैर सरकारी संगठनों का सम्पर्क सुलभ कराना, ताकि उनकी और आगे बढ़ोत्तरी हो सके।
  5. प्रशिक्षण/अध्ययन सामग्री के क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद की जब भी / जहाँ भी ज़रूरत पड़े, यह अनुवाद उपलब्ध कराना।
  6. दिव्यांगजनों से सम्बन्धित अर्हता प्राप्त पुनर्वास वृत्तिकों के महत्व के बारे में और ज़ियादा जागरूकता पैदा करना और प्रत्येक राज्य की ज़रूरतों के अनुरूप विभिन्न पाठ्यक्रमों के विकास में तीव्र प्रगति सुनिश्चित करना।
  7. राज्य सरकार के स्वास्थ्य, मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक कल्याण जैसे विभागों के साथ सम्पर्क बनाये रखना और यह सुनिश्चित करना कि राज्य व केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का ढंग से कार्यान्वयन हो और अर्हता प्राप्त पुनर्वास वृत्तिकों के महत्व के बारे में भी जागरूकता पैदा करना।
  8. भारतीय पुनर्वास परिषद् को आबण्टित कार्यों में से कुछ कार्य जो परिषद् सोंपे, उन कार्यों का निष्पादन साझा करना।
  9. भारतीय पुनर्वास परिषद् के साथ जो संस्थान सम्बद्ध होने के इच्छुक हैं, उनकी राह आसान करना।
  10. जो अन्य कार्य समय समय पर परिषद् द्वारा सोंपे जायें, उन्हें करना।
  11. परिषद् द्वारा यथा आबण्टित, अशक्तता के विभिन्न क्षेत्रों व विषयों पर स्वॉट (ताक़त, कमज़ोरी, अवसर, धमकी) विश्लेषण करना।
  12. जो संस्थान मान्यता हेतु आवेदन देते हैं, उनके निरीक्षण कार्य को, परिषद के अनुमोदन से, सुविधाजनक बनाना।
  13. राज्य में विशेष शिक्षा एवं अशक्तता पुनर्वास से सम्बन्धित समस्याओं पर चर्चा हेतु वर्ष में कम से कम एक राज्य स्तरीय बैठक आयोजित करना। यदि विशेषज्ञों/मुख्य दल की अधिक बैठकें की जानी हैं, तो ये बैठकें परिषद् का पूर्वानुमोदन ले कर आयोजित की जा सकती हैं।
  14. क्षेत्र से सम्बन्धित तकनीकी समस्याओं के बारे में राज्य के विभिन्न स्थलों पर संगोष्ठियाँ/ परिसंवाद / कार्यशालायें भारतीय पुनर्वास परिषद के पूर्वानुमोदन से आयोजित करना।
  15. मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा राज्य में सञ्चालित हो रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता में सुधार लाने की दृष्टि से सहायता करना अर्थात् कार्यक्रमों के लेखापरीक्षा कार्य में मदद करना।
  16. क्षेत्र के लिये प्रासंगिक उपयुक्त साहित्य लेखन और अनुवाद तथा उन विषयों पर रिपोर्टें तैयार करना, जिन्हें तैयार करने का कार्य भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा क्षेत्रीय समन्वय समिति को सोंपा जाय।
  17. दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये परिषद् के कार्य-कलापों तथा केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा लागू अधिनियमों के बारे में जागरूकता का सृजन।
  18. व्यक्तियों और संस्थाओं से मिली शिकायतें उपयुक्त टिप्पणी के साथ अध्यक्ष, भारतीय पुनर्वास परिषद् को अग्रेषित करना।
  19. निगमित सामाजिक दायित्व के तहत निधि का एकत्रण सुपरिभाषित कार्यों को सम्पन्न करने के लिये ही किया जाय।
  20. भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा समय समय पर सोंपे गये कोई अन्य कार्य।

टिप्पणीः  समिति के सभी कार्यों का स्वरूप सलाह के तौर पर होगा। जिन निर्णयों के विधिक निहितार्थ हैं, वे सभी निर्णय केवल भारतीय पुनर्वास परिषद् के परामर्श से ही लिये जायेंगे।

क्षेत्रीय समन्वय समिति का क्षेत्रवार कार्यक्षेत्रः

क्रमांक

प्रस्तावित राज्य अध्याय

राज्यों की भौगोलिक व्याप्ति

1.

पूर्वोत्तर-।

असम, मणिपुर, मिज़ोरम, मेघालय

2.

पूर्वोत्तर-।।

अरुणाचल प्रदेश, नगालैण्ड, त्रिपुरा

3.

पूर्व-।

पश्चिम बंगाल, ओडिशा

4.

पूर्व-।।

बिहार, झारखण्ड

5.

मध्य-।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड

6.

मध्य-।।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़

7.

उत्तर-।

पञ्जाब, चण्डीगढ़

8.

उत्तर-।।

हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर

9.

उत्तर-।।।

हरियाणा, दिल्ली

10.

पश्चिम-।

गुजरात, राजस्थान, दमण दीव

11.

पश्चिम-।।

महाराष्ट्र, गोआ, दादर नागर हवेली

12.

दक्षिण-।

आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना

13.

दक्षिण-।।

केरल, कर्नाटक, लक्षद्वीप

14

दक्षिण-।।।

तमिलनाडू, पुडुचेरी, अणडमान निकोबार